दुनिया के 10 सबसे खतरनाक साँप

इन्सानो और साँपो का रिश्ता हमेशा से ही पेचिड़ा रहा है| यह माना जाता है की हर साँप जहरीला होता है और हमे उससे खतरा है जबकि ये पूरी तरह से सच नही है| दुनिया मे पाये जाने वाले साँपो की कुल 3500 प्रजातीय है जिसमे से केवल 600 ही जहरीली होती है| साँपो की प्रजातीया केवल जमीन पे ही नही बल्कि पानी मे भी पायी जाती है| पानी मे पाये जाने वाले ज़्यादातर साँप जहरीले नही होते है और इन्सानो को इनसे कुछ ज्यादा खतरा भी नही है| आमूमन साँप किसीपे चाह के हमला नही करते जबतक की उन्हे उकसाया न जाए या फिर खतरा महसूस न हो| इन 600 जहरीले साँपो मेसे कुछ साँप शरमीले स्वभाव के होते है और मानव के आस पास आने पर वे वाहा से भाग जाते है और कुछ आक्रामक प्रवत्ति का उपयोग करके निडरता से अपना बचाव करते है| आइये जानते है दुनिया के 10 सबसे खतरनाक साँपो के बारे मे और क्यू उन्हे इतना खतरनाक माना जाता है|

10. टाइगर स्नेक

Source: “Tiger Snake” by Laurie R B – Under Creative Commons license

टाइगर स्नेक एक विशाल, जहरीला साँप है और यह कोबरा और ब्लेक माम्बा के परिवार से है| ये साँप 4 मिटर तक लंबा और अलग-अलग तरह के कलर पेटर्न मे पाया जाता है और नीचे से हल्का पीला या नारंगी होता है| यह प्रजाति भी ब्लेक माम्बा की तरह ही काफी आक्रमक होती है|

टाइगर स्नेक के जहर मे बहुत ही घातक न्युरोटोक्सिक, खून को जमा देने वाला तरल, लखवा ग्रस्त कर देने वाला और लाल रक्त कोशिका को नष्ट कर देने वाला तरल पाया जाता है| इस साँप से काटे जाने पर पेरो मे और गले मे बहुत ही तेज दर्द का एहसास होता है, शरीर मे झनझनाहट होना, बहुत ज्यादा पसीना होना, सुस्ती छा जाना, सांस लेने मे तकलीफ होना, लखवा मार जाना जेसे लक्षण शामिल है| अगर इस साँप के काटे जाने पर इलाज नही कराया जाए तो 40 से 60 प्रतिशत मामलो मे मृत्यु होने की संभावना है|

9. इंडियन कोबरा(नाग)

Source: “Indian Cobra” by KMKeshav – Under Creative Commons license

इंडियन कोबरा एक मध्यम जहरीला, मध्यम साइज़ और वजनी साँप है जिसकी लंबाई 3 से 5 फीट तक होती है| अपने बचाव मे यह साँप फुफकारता है और फ़न्न फेला कर अपने बचाव की स्थिती  मे आ जाता है| इंडियन कोबरा का मुख्य भोजन चूहा है और इसी वजह से ये साँप मानव आवास के आस पास पाये जाते है|

इंडियन कोबरा का जहर बेहद न्युरोटोक्सिक है जो की शरीर मे जल्दी से फेल कर तंत्रिकाओ पर रोक लगाता है और दिल की धड़कन को बंद कर देता है| इस साँप से काटे जाने के 15 मिनट मे इसके लक्षण नजर आने लग जाते है जिसमे हाथ पेरो मे कमजोरी, पलको मे भारीपन, मुह मे बहुत ज्यादा तरल का बनना, उल्टी और पसीना होना शामिल है| इसका जहर मसल्स को लखवाग्रस्थ कर देता है और कुछ घातक मामलो मे दिल और फेफड़े काम करना बंद कर देते है और व्यक्ति की मौत हो जाती है|         

8. देथ एडर

Source: “Death Adder” by bsabarnowl – Under Creative Commons license

डेथ एडर बहुत ही ज्यादा विषेला साँप है| यह दिखने मे वाइपर जेसा होता है और ब्लेक माम्बा के परिवार से  है| डेथ एडर काफी छोटे साँप है जिसका सिर तिकोना होता है| शिकार को आकर्षित करने के लिए ये अपनी पूछ का इस्तेमाल करते है जो की दिखने मे कीड़े जेसी लगती है| यह साँप इतना फुरतीला होता है की ये अपने शिकार पर वार करके 0.15 सेकेण्ड्स मे वापस अपने पोसिशन पे आ जाता है|

दूसरे साँपो के विपरीत यह साँप किसी अंजान व्यक्ति को आते हुए देख भागता नही है, डेथ एडर अपने स्थान पर टीका रहता है और इस वजह से उसके ऊपर पेर पड़ जाने की और काटे जाने की संभावना बढ़ जाती है| यह चीज इसे ओर भी ज्यादा खतरनाक बनाती है| ज्यादातार मोके पर डेथ एडर ड्राइ बाइट् करता है जिसमे जहर नही होता| यह काफी जहरीला साँप है और एक ड़ंख मे यह 70 से 236 मिली ग्राम तक जहर छोड़ सकता है| इसके काटने से लखवा और स्वांस प्रणाली बंद हो जाती है और काटने के 6 घंटो मे मौत तय है| इसके काटने पर एंटिवेनोम भी कोई असर नही करता और इसके काटने पर मृत्यु निश्चित है|

7. रसेल वाइपर

Source:“Russell’s Viper” by Thai National Parks – Under Creative Commons license

रसेल वाईपर एक चिड़चिड़े, भड़कीले और बेहद आक्रामक स्वभाव का साँप है| इनकी लंबाई 5.5 फूट और चोड़ाई 6 इंच तक हो सकती है| चिड़ जाने पर ये फुफकारते है और बहुत ही फुर्ती के साथ हमला भी कर देते है| रसेल वाईपर का सिर चपटा और त्रिभुज जेसा होता है जो दिखने मे पीला या भूरे रंग का होता है|
  
रसेल वाईपर के काटे जाने पर होने वाला दर्द सभी जहरीले साँपो मे सबसे ज्यादा है| एक बार काटे जाने पर यह साँप 40-70 मिलीग्राम तक जहर छोडता है जो इंसानो के लिए काफी घातक साबित हो सकता है| इसके काटने पर मसूड़ो और मूत्र से अत्यधिक खून का बाहाव होना, बी.पी मे जल्दी से गिराव आना, उल्टी, चेहरे पर सूजन, गुर्दो का काम नही करना और खून का थक्का जमना शामिल है| इसके द्वारा काटे जाने पर एंटिवेनोम काफी कारगर इलाज है, लेकिन काटे जाने से होने वाले दर्द को जाने मे एक महिना तक लग सकता है| 

6. सॉ स्केल वाइपर  

Source: “Saw-scaled Viper” by berniedup – Under Creative Commons license
सॉ स्केल वाइपर एक छोटे आकार का साँप है और यह 1 से 3 फीट तक की लंबाई का हो सकता है|  इसकी अनिश्चितता, आक्रमक स्वभाव, बेहद घातक जहर, इसको एक बेहद खतरनाक साँप बनाता है| खतरे का आभास होने पर यह साँप ‘सी’ आकार मे खुदकों ढाल लेता है और अपने शरीर को रगड़ कर एक चेतावनी भरी ध्वनि निकालता है और यह ध्वनि उसके उत्तेजित होने के साथ तेज हो जाती है|

सॉ स्केल वाइपर रात को प्रतिकृया मे आते है| यह साँप दुनिया के सबसे तेज वार करने वाले साँपो मे शामिल है और इसके काटने पे बहुत तेज दर्द महसूस होता है | सॉ स्केल वाइपर के एक ड़ंख मे 12 मिली ग्राम तक जहर हो सकता है हालाँकि इसका 5 मिली ग्राम जहर भी एक वयस्क इंसान के लिए घातक होता है और इसके द्वारा काटे जाने पर  मृत्यु की दर काफी ज्यादा है| इसके द्वारा काटे जाने पर खून मे पतलापन आ जाता है और शरीर मे से खून का बहाव बढ़ जाता है जिसकी वजह से उल्टी मे खून आना, अंदरूनी खून के रिसाव से मल मे कालापन होना, मूत्र मे खून का आना, खासने पर खून निकलना जैसे लक्षण शामिल है| 

5. इंडियन क्रैट 

Source: “Indian Krait” by Jayendra Chiplunkar – Under Creative Commons license

यह घातक साँप 3.5 फूट लंबा होता है और इसके पूरे शरीर पे काले और पीले रंग की धारिया होती है| इंडियन क्रैट रात को शिकार करते है| इंडियन क्रैट के काटने पर बेहद ही कम या बिलकुल भी दर्द नही होता जिससे सोये हुए व्यक्ति को अगर ये काट ले तो उसे काटे जाने का एहसास भी नहीं होगा| यह दर्द इतना मामूली होता है जेसे किसी चीटी या मच्छर ने काटा हो और काटे जाने वाले व्यक्ति की नींद मे ही मौत हो सकती है|

इंडियन क्रैट का जहर बेहद ही असरदार होता है और इसमे शक्तिशाली न्यूट्रोटॉक्सिक जहर होता है जो शिकार की मांसपेशियो को लखवाग्रस्त कर देता है| इसके न्यूट्रोटॉक्सिक जहर मे प्रिसीनेप्टिक और पोस्टसीनेप्टिक विष होता है| क्रैट के काटने से  शिकार बोलने और सोचने मे असमर्थ, गुटन का एहसास, लखवा, आंतों मे दर्द, चेहरे की मांसपेशियो मे खिचाव और अंधापन आ जाता है|

दूसरे साँप जो एक बार काटने पे 250 से 400 एमजी तक जहर उगल सकते है उनके विपरीत यह साँप एक बार मे केवल 10 एमजी तक जहर ही छोड़ता है| लेकिन इसका असर उतना ही घातक होता है और इसके जहर का 2.5 मिली ग्राम ही एक वयस्क इंसान को मारने के लिए काफी है| प्रिसीनेप्टिक जहर की वजह से होने वाले लखवे पर एंटिवेनोम का कोई असर नही होता है| इनके काटने से होने वाली मृत्यु दर 70 से 80 प्रतिशत है और अगर काटने के 4 घंटो तक इलाज नही कराया जाए तो शिकार की मृत्यु हो सकती है|

4. किंग कोबरा

Source: “King Cobra” by Michael Allen Smith – Under Creative Commons license
किंग कोबरा दुनिया मे पाये जाने वाले जहरीले साँपो मे सबसे ज्यादा लंबा साँप होता है| इनकी लंबाई 18 फीट तक हो सकती है और आजतक पाये गए  किंग कोबरा मेसे एक की लंबाई 19.2  फूट तक भी नापि गयी है| यह साँप शरमीले स्वभाव के होते है और मानव संपर्क से दूर ही रहना पसंद करते है, मगर ज्यादा उकसाये जाने पे ये साँप काफी आक्रामक हो जाते है| चोकन्ना होने पर यह साँप अपनी लंबाई से 1/3 ऊपर उठ कर और फन फेला लेते है और इस रूप मे यह काफी डरावने प्रतीत होते है| 

हालाँकि इनका जहर इतना जहरीला नही होता है मगर ये साँप एक बार मे काफी ज्यादा मात्र मे जहर उगल सकते है| एक बार काटने पर यह साँप 350 से 500 मिली ग्राम तक जहर उगल सकता है और कई बार तो ये साँप 1000 मिली ग्राम तक जहर उगल सकते है, जो की एक हाथी की भी कुछ ही घंटो मे जान ले सकता है| यह साँप एक हमले मे एक से ज्यादा बार काट सकता है| इसका जहर सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर असर करता है जिसकी वजह से तेज दर्द, धुंदलापन, चक्कर आना,  शरीर का सुस्त होना और लकवा हो सकता है| स्वास प्रणाली के काम करना बंद कर देने से 30 मिनट मे मौत हो सकती है| 

3. ईस्टर्न ब्राउन स्नेक

Source: “Eastern Brown Snake” by John Englart (Takver) – Under Creative Commons license
ईस्टर्न ब्राउन स्नेक बेहद ही बुरे स्वभाव का आक्रामक और फुरतीला साँप है जो इसे एक बेहद ही खतरनाक साँप बना देता है| इसकी लंबाई 7 फूट, पतला शरीर और सिर गोल होता है|  यह साँप नारंगी या भूरे रंग के होते है और यह साँप हल्के भूरे से ले कर गहरे भूरे और काले रंग मे भी पाये जाते है|

यह दुनिया का दूसरा सबसे जहरीला साँप है| एक बार काटने पर यह साँप बहुत ही कम मात्र मे जहर उगलता है जो की 5 मिली ग्राम तक हो सकता है और यह इतना घातक होता है की किसी इंसान की जान ले सकत है | इसके काटे जाने के लक्षण मे, खून मे जमावट आना, बी.पी मे गिरावट, खून निकालना, दिल और गुर्दो का काम ना करना, जी घबराना और सिर मे तेज दर्द होना शामिल है| इसके जहर का असर 15 मिनट मे दिखने लग जाता है और इसके तीव्र असर की वजह से एंटिवेनोम का इसपे  कुछ खास प्रभाव नही होता|

2. कोस्टल ताइपन  

Source: “Coastal Taipan” by Scott Eipper – Under Creative Commons license
यह एक बड़ा और बेहद जहरीला साँप है जो बहुत आक्रामक और सक्रिय रूप से खुदकी रक्षा करता है|  यह एक बेचैन और सतर्क साँप होते है जो आस पास होने वाली कोई भी हलचल पर बिना छेड़े ही हमला कर देते है| यह बहुत ही सटीक और कुशल हमला करता है और एक हमले मे एक से ज्यादा बार काट सकता है| इसका शरीर बेहद हल्का होता है जिसकी वजह से इसे आगे, पीछे, दाए, बाए मुड़ने मे और जमीन से ऊपर उठ कर फुर्ती से हमला करने मे मदद मिलती है, जो इतना तेज हो सकता है की इसके आस पास होने का एहसास होने से पहले ही यह आपको बहुत बार काट चुका होगा| 

एक बार काटने पर यह 120 से 400 मिली ग्राम तक जहर छोड़ सकता है| ताइपन के जहर मे पाये जाने वाला न्यूट्रोटॉक्सिन शिकार के नर्वस सिस्टम पर प्रभाव डालता है और  घाव को भरने नही देता है| काटे जाने के लक्षण मे सिर दर्द, जी घबराना, उल्टी,  ऐंठन, लखवा, अंदरूनी खून का रिसाव, गुर्दो को क्षति पाहुचना शामिल है| काटे जाने के एक घंटे मे भी अगर एंटिवेनोम दी जाए तो भी इससे हुए लखवे के असर को पलटा या रोका नही जा सकता| गंभीर हालातो मे काटे जाने के 30 मिनट मे ही मौत हो सकती है और औसतन 4-6 घंटो के अंदर शिकार की मौत हो जाती है| इसके द्वारा काटे जाने पर अगर इलाज नही कराया जाए तो मरना निश्चित है|

1. ब्लेक माम्बा

Source: “Black Mamba” by hape662 – Under Creative Commons license
अफ्रीकन ब्लेक माम्बा एक बेहद ही जहरीला साँप है| यह दुनिया मे पाये जाने वाले जहरीले साँपो मे दूसरे सबसे लंबे साँप है जिसकी लंबाई 10 फीट तक हो सकती है| यह दुनिया का सबसे तेज चलने वाला साँप है और यह साँप 5.4 मिटर प्रति सेकंड की गति से चल सकता है| खतरा महसूस होने पर यह साँप अपनी लंबाई का 1/3 ऊपर उठ सकता है जो की लगभग 4 फूट तक हो सकता है| 

ब्लेक माम्बा बेहद ही तेज, सटीक और अनेक प्रभावी हमले करता है और एक बार मे बहुत ही ज्यादा मात्रा मे जहर उगलता है| ब्लेक मंबा दूसरे साँपो की तरह बिना जहर वाली ड्राई बाईट नही करते| एक बार काटने पर यह साँप 120 से 400 मिली ग्राम तक जहर छोड़ सकता है, हालाँकि इसके जहर का 10 से 15 मिली ग्राम भी इंसान को मारने के लिए काफी है|

इसके जहर के असर काटने के 10 मिनट मे दिखाई देने लगते है| इसके काटने पर सुस्ती, बोल नही पाना, उल्टी, बहुत ज्यादा पसीना और झंझनाहाट होना, आंखो मे भारीपन, धुंदला दिखना, न्यूरोलोजीकल रोग, स्वास प्रणाली मे लखवा मार जाना जेसे लक्षण दिखाई पड़ते है| इसके काटने के 45 मिनट मे पीड़ित पूरी तरह से असक्षम हो जाता है और इलाज ना होने पर 7 घंटो मे उसकी मौत हो सकत है|                
 
           

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